ख़ुशी मिली तो कई दर्द मुझसे रूठ गए
दुआ करो के मैं फिर से उदास हो जाऊँ ।
तुझे ढूँढने की खातिर शहर की गलियों में
खुश्क पत्तों की तरह बिखर जाता हूँ मैं।
सकून और इश्क़ दोनों एक साथ??
क्या बात करते हो जनाब!!
दुआ करो के मैं फिर से उदास हो जाऊँ ।
तुझे ढूँढने की खातिर शहर की गलियों में
खुश्क पत्तों की तरह बिखर जाता हूँ मैं।
सकून और इश्क़ दोनों एक साथ??
क्या बात करते हो जनाब!!
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