ना खाली कागज़ बचे, ना ही लिखने को शब्द
बस ऐसे ही किसी तरह उसे याद कर लेता हूँ
हर वो कोशिश बेशुमार कर लेता हूँ
जिससे मेरी आवाज़ उस तक पहुँच जाए ।
बदल सी गई हैं ये हवाएं
बदल से गए हैं हम
बदल सा गया है वो सारा जहाँ
जिसे कभी हासिल करने की बात किया करते थे हम ।
काश ये वक़्त थम सा जाता
काश ये हवाएं रुक सी जाती
काश मैं भी वो पल जी लेता
जो सपनो में कभी देखे थे मैंने
काश मुझ में सपनो को हक़ीक़त में बदलने की ताक़त होती !!!!!
काश!!!!!!
- Pushkin Channan
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