“कुछ बातें हैं जो आज तक किसी से कही नहीं
कुछ लम्हें हैं जो अभी तक जिए नहीं और शायद अकेले जिये भी ना जाएँ।
कुछ शिक्वे अभी भी दिल में हैं जिनकी माफ़ी माँगना बाकी है।
कुछ उन लम्हों की गुस्ताखी माफ़ करानी है जब तुम असल में हँस सकते थे।
उन आखों से निकले हुए आंसुओं की माफ़ी मांगनी है जो कहीं और काम आ सकते थे।
रातों को सोते वक़्त ज़िन्दगी का यूँ मौत से मिलना और मुझे कानो कान खबर भी ना होना
एहसास दिलाता है के अपनी ज़िन्दगी भी वक़्त की मोहताज है।
है अपनी लेकिन चलती कभी अपने इशारे पर नहीं है।
अपनों का साथ भी कभी कभी पराया सा लगने लगता है
कभी ऐसा कुछ घटित हो जाता है जिसकी सपने में भी कल्पना नहीं की होती।
एक लॉ ऐसी जली है जो बुझनी मुश्किल है
बस एक बार और उसे बुझाना है
ज़िन्दगी को फिर एक बार जीना है
वो एक आखरी बार सोने से पहले फ़िर से बच्चे की तरह हंसना है।
ना किसी की परवाह होगी ना किसी का डर
बस मंज़िल की ओर अग्रसर होना है।
हवाएँ भी अपना रुख बदलेंगी और सूर्य की रौशनी और अधिक होगी।
रात को चाँद भी पूरा निकलेगा और जुगनू भी दिखाई देंगे।
कुछ बातें जो किसी से कही नहीं
शायद आखरी बार कह दी जाएँ।”- Pushkin Channan
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