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Showing posts from July, 2016

I Saw the Harsh Reality....

ज़िन्दगी का मैं मज़ा ले रहा था। एक रोज़ ऐसे ही शाम को मैंने अपने दफ्तर की खिड़की से नीचे झाँक कर देखा रोज़ की भाग दौड़ से हटकट मैंने सोचना चाहा जब लीग से हट कर मैंने कुछ देखने की कोशिश की तो ऐसा कुछ दिखा जिसकी कल्पना AC में बैठने वाला नहीं कर सकता। मुझे वो टूटा हुआ घर दिखा जिसमे अँधेरा छाया हुआ था दर-अ -सल वो घर नहीं था, वो तो एक रेत का टीला था जिसे वो आज बहार खड़ा होकर फिरसे बिखरते हुए देख रहा था । उस मौके की तलाश में दिख रहा था के कब वो तूफ़ान रुके और कब फिरसे वो अपना आषियाना सजाये। वो आशियाना जो उसके लिए किसी महल किसी महल से कम नहीं था......                                  - Pushkin Channan

That Silence Around Me...

यहाँ लोग बैठे हैं, फिर भी अजीब शांति सी है । वो कीबोर्ड पर चलती हुई उँगलियों से आने वाली आवाज़ ऐसा लग रहा था कोई टेबल बज रहा हो। वो computer के mouse की cursor की आवाज़ लग रहा था कोई आवाज़ को कम ज़्यादा कर रहा हो। उस रौशनी में  एक आवाज़ सुनी जो बंद कमरे को  थी। मगर ना जाने फिर भी एक शांति सी लग रही थी । उस अँधेरे में जब मैंने एक माँ को दूध पिलाते देखा तो शांति क्यों है आया । उस पिता को जब मैंने अपनी खुशियां कुर्बान करते देखा तो शांति का मतलब समझ आया । जब बहन घर में कुंवारे बैठे देखा तो शान्ति का मतलब समझ आया। जब भाई को मैंने अपने शौक मारते हुए देखा तो शान्ति का मतलब समझ आया। ये शांत मन ना जाने कितने सवाल लिए बैठा होगा बस सवाल वहीं ख़तम हो जाते हैं जहाँ दिल दिमाग की सुन लेता है।                                - Pushkin Channan

वो तस्वीरें, वो लम्हे

आज फिर एक बार तस्वीरों से बात करने को मन हुआ मुश्किल ये थी के तस्वीरें बोला नहीं करती और ये भी सुना है जिस दीवार पर वो होती हैं उनके आज कल उनके कान भी होने लगे हैं। मैं फिर से रोज़ की तरह जाकर बिस्तर पर लेट गया, मगर ये रात पहले वाली रातों से अलग थी, और उन पलों को जीने की कोशिश करता रहा जब कुछ वक़्त के लिए ही सही, मगर सब सही था। उन पलों को दोहराने की वो नाक्याम्ब कोशिश करता रहा क्योंकि लिखे हुए पन्नों पर दोबारा नहीं लिखा जाता। ये कदम बीएस मंज़िल की ओर पहुँचने ही वाले थे के मेरी आखों ने जी मुझे धोखा दे दिया।               - Pushkin Channan

Bas ek Ehsaas...

"कभी उन पुरानी दीवारों को छेद कर देखना तुम्हें अंदाज़ा हो जाएगा के वक़्त कितना बलवान होता है। कभी फूटपाथ पर उन बच्चों को देख लेना इस बात का यकीन हो जाएगा के सोने के लिए मखमल का बिस्तर ज़रूरी नहीं। कभी अपने घर के बहार झाँक कर देखना शायद तुम्हें फेंके हुए खाने की कीमत मालूम हो जाए। कभी घर के पास वाले आश्रम में जा कर देखना शायद तुम रिश्तों की एहमियत को जान जाओ। कभी हज़ारों के बीच एक अकेले आदमी को बैठे देखना शायद तुम समझ जाओ के ज़िन्दगी में दोस्तों का होना भी ज़रूरी होता है। शायद तुम्हें हर रिश्ते की एहमियत मालूम हो जाए। शायद तुम ये जान जाओ के कैसा लगता है जब कोई अपना उठ के जाता है। शायद तुम उसी दर्द को समझ जाओ जब कोई अपना खास अलविदा बोल देता है......"           

We remain kid @Heart

“वो कमरे की छत पर खड़े होना और तेज़ रफ़्तार गाड़ियों को जाते देखना महसूस हुआ के ज़िन्दगी भी इसी रफ़्तार के साथ आगे बढ़ रही है इस बात का एहसास भी हुआ के अब जिये पल आगे चल के यादें बन जाएंगे वो तेज़ हवाओं का चलना और कुछ इस तरह रुख बदलना जैसे ज़िन्दगी के बदलते उसूल सिखा रही हो वो छोटे बच्चों को खेलते देख, मुझे अपने भी दिन याद आये जब गिल्ली डंडा खेलने की ज़िद लिए मेरा पापा के पास जाना और जवाब मिलना के पहले काम खत्म करो वो बारिशो में जाके नहाना और घर से माँ की गुस्सैल आवाज़ आना के बेटा बिमार पड़ जाओगे कमरे की छत पर खड़े होकर ये एहसास हुआ के ये बढ़ती उमर और ढलता शरीर तो वक़्त की मार थी असल में दिल तो हमेशा ही बच्चा रहता है, बस ज़िन्दगी दौड़ जीतने के लिए बड़ा बना देते हैं।”                  - Pushkin Channan 

Yaadein....

“वो पुराने ख़त जब पढ़े तो ये आँखें रो पड़ी वो पुराने पल याद करके एक बार फिर ये आँखें उस गम के दरिया में डूब गई। वो एक झलक देखने को जब दिल तरस गया तो उस गलि चला गया जहाँ से दिन की शुरुआत करते हैं वो। जब लगा के यादों के गहरे दरिया में ये मन डूबने लगा तो एक बार फिर उसी जगह चला गया जहाँ कभी यादें बुनी जा रही थीं। जब मन कभी वो आवाज़ सुनने को बेचैन हुआ वो रिकॉर्डिंग सुन ली जो कभी ऐसे ही भेजी थी ये एहसास भी कितना अजीब होता है, दूरियाँ अक्सर दोस्ती का एहसास करा जाती हैं और नफ़रतें अक्सर मुहोब्बत की असलियत बयान कर जाती हैं।”       Pushkin Channan 

Those Old Good Memories

"मैं अक्सर उन गलियों में जाया करता हूँ  जहाँ कभी रौनक रहा करती थी।  मैं अक्सर वो किताबों के पन्ने पलट दिया करता हूँ  जिन्हें दीमक लगने वाली होती है ।  मैं अक्सर वो तस्वीरें देख लेता हूँ  जो अब यादें बन गईं हैं ।  मैं अक्सर उन लम्हों को फिर से जीने की ख्वाहिश रखता हूँ  जो शायद अब फिर नहीं मिल पाएंगे।"                           - Pushkin Channan

That Wonderful Night

"That night was wonderful. Sitting on the roof top When I saw the shining stars. The stars that depicted the beauty of shining Even when alone in the sky. And that shine used to get even more beautified  With the moon throwing its light. The cold breeze that was blowing that night Making the air the mode of message. the message to those who have been apart for long now. I wish the messages do get conveyed by this natural messenger."                                 - Pushkin Channan

HIndi Couplets

सिसकियाँ लेते हुए यूँ ही मैं सिरहाने पर सर रख कर सो गया ऐसा लग रहा था मानो माँ की गोद में सो रहा हूँ । आज फिर मैंने उसको याद करने की गुस्ताखी की वो भी होशियार निकले, हमारे खत ही बे नज़र कर दिए । बारिशों में चलते हुए मानो ये शरीर गल सा गया है ये रास्ता भी अब मुझे मंज़िल नहीं दिखा रहा। ज़रा झाँक कर देखना अपनी खिड़की से नीचे तुम अंदाज़ा हो जाएगा के ऊंचाई पर बैठने वाले अक्सर धोखा खा जाय करते हैं। मुहोब्बत नहीं थी कभी तुमसे मुझे ये बस गहरी दोस्ती थी जिसे ज़माने ने बदनाम कर दिया ।                         Pushkin Channan

Pukaar.. :)

"अपनी डायरी  के वो पुराने पन्ने पलटते पलटते आज फिर ये आँखें रो पड़ी ऐसा लग रहा था के वो मेरे पास ही बैठे थे और मेरे रोने का मज़ा लूट रहे थे । किसी की परछाई दिखी, मानो के जैसे एक हाथ उठा हो चुप कराने के लिए आधी रात को वो आवाज़ मेरे कानो को चीरती हुई बोल रही थी मत रो, यहीं तेरे पास हूँ मै। मगर वो भी धोखा ही था - नज़रों का, खयालों को, मेरी उम्मीदों का। वो अपनी ज़िन्दगी की कश्मकश में मशरूफ थे अपने घर के आँगन में शाम को चाय का मज़ा लूट रहे थे। ज़हन ने सवाल किया के वो हाथ किसका था, वो आवाज़ किसकी थी कहीं फिर किसी ने कोई शरारत तो नहीं की थी??                         - Pushkin Channan

वो तसवीरें.....

"वो तसवीरें अक्सर बहुत कुछ बयान कर जाती हैं जिन्हें हम अपने बैडरूम की दीवारों पर लगा दिया करते हैं। वो तस्वीरें जिन्हें हम ज़माने से छुपाना चाहते हैं वो अक्सर हमें उन ख़ास शख्सियतों की याद कराती हैं जो अब अपनी ज़िन्दगी में उलझ कर रहे गए हैं। वो तस्वीरें जो हर बिताए हुए पल की एहमियत को समेट लेती हैं जिन्हें हम दोबारा नहीं जी सकते, क्योंकि वो गुज़रा वक़्त वापस नहीं आता। और गुज़रे वक़्त के साथ गए हुए भी वापस नहीं आते। कुछ ऐसी कही-अनकही बातों के दरिया में हमें छोड़ जाते हैं जिन्हें याद कर के अक्सर ये आँखें नम्म हो जाती हैं। गुज़रे वक़्त के साथ वो लोग भी गायब से हो जाते हैं जो हमें यादों की मझदार में छोड़ कर चले  कर जाया करते हैं। वो तस्वीरें कभी नहीं बदलती चाहे ज़माना सारा बदल जाए काश ये तस्वीरें बोल सकती......"               - Pushkin Channan

ज़िन्दगी की हक़ीक़त

"मैं आज फिर उसी गली से गुज़र रहा था जहां कभी हमारी हुकूमत चला करती थी एहसास हुआ के वक़्त असल में सब कुछ बदल देता है। वो घरोंदे जिन में कभी हलचल रहा करती थी आज वक़्त ने उन्हें खँडहर बना दिया है वो पत्थर जिन पर उन घरों की नींव रखी गई थी आज वो फीकी पड़ती दिखाई दे रही थी । वो गलियां जहाँ बचपन में गिल्ली डंडा खेल करते थे वहां आज पक्की सड़कें बनती देखि जा रहीं थीं । खेल के मैदानों पर इमारतें खड़ी कर दी गई थीं । गाओं शहर में तकदील होते दिख रहे थे ऐसा लग रहा था मानो सभी की ज़रूरतें वक़्त के साथ बदल रहीं थीं । जो वक़्त भी न बदल सका वो था अपनों का प्यार और दोस्तों की यारी २ चीज़ें जो वक़्त के साथ और भी गहरी होती चली गईं ।                                - Pushkin Channan

Childhood Memories.....

"ये दौलत मैंने कुर्बान कर दी है, बचपन के दिन वापस लाने की इसकी औकात नहीं थी । वो बीता हुआ वक़्त जिसे हम अक्सर याद कर के हंस दिया करते हैं आज उन्ही लम्हों को फिर से जीने को जी चाहता है । वो रेत के टीलों पर घरोंदे बनाकर रहने की कल्पना करना वो हर खिलोने की ख्वाहिश पूरा होना आज फिर से जी चाहता है वापस उन वादियों में जाने को जहाँ पर ज़माने की कोई फ़िक्र नहीं थी आज़ाद पंछी की तरह हर मुकाम हासिल करना चाहते थे फिर से जी चाहता है बचपन की वो अमीरी जीने को जब पानी में अपनी नाव चला करती थी हवा में अपना भी हवाई जहाज़ उड़ता था। एक उम्र होने के बाद सपने पानी की तरह बहते हुए नज़र आते हैं और ताश के पत्तों की तरह उम्मीदें बिखर जाती हैं। काश के दौलत में इतनी ताकत होती के वक़्त को खरीद सकते मैं।                                      - Pushkin Channan