"मैं आज फिर उसी गली से गुज़र रहा था जहां कभी हमारी हुकूमत चला करती थी
एहसास हुआ के वक़्त असल में सब कुछ बदल देता है।
वो घरोंदे जिन में कभी हलचल रहा करती थी
आज वक़्त ने उन्हें खँडहर बना दिया है
वो पत्थर जिन पर उन घरों की नींव रखी गई थी
आज वो फीकी पड़ती दिखाई दे रही थी ।
वो गलियां जहाँ बचपन में गिल्ली डंडा खेल करते थे
वहां आज पक्की सड़कें बनती देखि जा रहीं थीं ।
खेल के मैदानों पर इमारतें खड़ी कर दी गई थीं ।
गाओं शहर में तकदील होते दिख रहे थे
ऐसा लग रहा था मानो सभी की ज़रूरतें वक़्त के साथ बदल रहीं थीं ।
जो वक़्त भी न बदल सका वो था अपनों का प्यार और दोस्तों की यारी
२ चीज़ें जो वक़्त के साथ और भी गहरी होती चली गईं ।
- Pushkin Channan
एहसास हुआ के वक़्त असल में सब कुछ बदल देता है।
वो घरोंदे जिन में कभी हलचल रहा करती थी
आज वक़्त ने उन्हें खँडहर बना दिया है
वो पत्थर जिन पर उन घरों की नींव रखी गई थी
आज वो फीकी पड़ती दिखाई दे रही थी ।
वो गलियां जहाँ बचपन में गिल्ली डंडा खेल करते थे
वहां आज पक्की सड़कें बनती देखि जा रहीं थीं ।
खेल के मैदानों पर इमारतें खड़ी कर दी गई थीं ।
गाओं शहर में तकदील होते दिख रहे थे
ऐसा लग रहा था मानो सभी की ज़रूरतें वक़्त के साथ बदल रहीं थीं ।
जो वक़्त भी न बदल सका वो था अपनों का प्यार और दोस्तों की यारी
२ चीज़ें जो वक़्त के साथ और भी गहरी होती चली गईं ।
- Pushkin Channan
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