“वो पुराने ख़त जब पढ़े तो ये आँखें रो पड़ी
वो पुराने पल याद करके एक बार फिर ये आँखें
उस गम के दरिया में डूब गई।
वो एक झलक देखने को जब दिल तरस गया
तो उस गलि चला गया जहाँ से दिन की शुरुआत करते हैं वो।
जब लगा के यादों के गहरे दरिया में ये मन डूबने लगा
तो एक बार फिर उसी जगह चला गया जहाँ कभी यादें बुनी जा रही थीं।
जब मन कभी वो आवाज़ सुनने को बेचैन हुआ
वो रिकॉर्डिंग सुन ली जो कभी ऐसे ही भेजी थी
ये एहसास भी कितना अजीब होता है, दूरियाँ अक्सर दोस्ती का एहसास करा जाती हैं
और नफ़रतें अक्सर मुहोब्बत की असलियत बयान कर जाती हैं।”Pushkin Channan
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