कुछ इस क़दर बिखर गया हूँ मैं उसकी बेवफाई से,
कोई अगर छू भी ले तो कांप सा जाता हूँ मैं....
हम तो फना हो गए उनका हुस्न देख के ऐ ग़ालिब,
ना जाने वो आईना कैसे देखते होंगे??
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे,
तू देख क्या रंग है तेरा मेरे आगे??
- मिर्ज़ा ग़ालिब
हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख़ाहिश पे दम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले.....
- मिर्ज़ा ग़ालिब
कोई अगर छू भी ले तो कांप सा जाता हूँ मैं....
हम तो फना हो गए उनका हुस्न देख के ऐ ग़ालिब,
ना जाने वो आईना कैसे देखते होंगे??
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे,
तू देख क्या रंग है तेरा मेरे आगे??
- मिर्ज़ा ग़ालिब
हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख़ाहिश पे दम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले.....
- मिर्ज़ा ग़ालिब
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