हमने बड़े इत्मियन से उनका इनतज़ार किया,
काफी लम्बे समय तक सब्र को बांधे रखा।
क्या मालूम था हमारी गैर मौजूदगी में वो आएँगे,
और पलकों को हमारी नम्म कर के चले जाएंगे।
शुक्र है के तोहफा उन्होंने क़ुबूल लिया वरना गिला तो इस बात का रहे जाता के वो आये और तोहफा धरा का धरा रह जाता।
मिलेंगे फिर कभी हम, अगर आपके पास समय रहा तब,
क्योंकि हर दिन एक जैसा नहीं होता और हर क्या वायदा निभाया नहीं जाता।
Pushkin Channan
काफी लम्बे समय तक सब्र को बांधे रखा।
क्या मालूम था हमारी गैर मौजूदगी में वो आएँगे,
और पलकों को हमारी नम्म कर के चले जाएंगे।
शुक्र है के तोहफा उन्होंने क़ुबूल लिया वरना गिला तो इस बात का रहे जाता के वो आये और तोहफा धरा का धरा रह जाता।
मिलेंगे फिर कभी हम, अगर आपके पास समय रहा तब,
क्योंकि हर दिन एक जैसा नहीं होता और हर क्या वायदा निभाया नहीं जाता।
Pushkin Channan
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