Why can't life go the easy way!! The way in which there is no misunderstandings, conflicts. Where the world lives in harmony with each other. It looks like as my English vocabulary is over or gone weak at this very point of time. I cannot find words to express my feelings. Lemme move to hindi now...
कुछ इसी तरह ढल जाएगा ज़िन्दगी का फलसफा,
इन्ही परेशानियो के साथ कब तक जी लूंगा मैं।
अंदाज़ ऊपर वाले का भी लाजवाब है, एक हाथ देता है तो दुसरे हाथ छीन भी लेता है।
बड़ी अजीब लीला देखी मैंने लोगों की ज़माने में,
मुर्दो को उठाने में और जिन्दो को गिराने में।
जिंदे को कोई नहीं पूछता और मरने वाले से हर कोई इश्क़ करता है।
काश के उस वक्त प्यार कर लिया होता तो आज उसे भी आपने मरने का शायद गम नहीं होता।
गम में कोई किसी के शरीक नहीं होता और ख़ुशी का हिस्सा बनने सभी चले आते हैं।
कभी कभी तो ऐसा लगता है के ये सब आता कहाँ से है,
क्योकि जिसकी अपेक्षा मैं करता हूँ वो मुझे मिलता नहीं, और जसकी उम्मीद भी नहीं करता वो ऐसे मिलता है जैसे मेरे लिए ही हो।
आदत सी हो गई है अब तो इसी में जीने की,
हालात कुछ ऐसे हो गए हैं के कोई तारीफ के 2लफ्ज़ भी बोल दे कोई तो लगता है के बेइज़्ज़ती कर रहा है,
क्योकि इज़्ज़त तो मिलती नहीं और इसकी अपेक्षा भी मैंने छोड़ सी दी है।
काम अगर सही भी करो तो यही बोलते हैं के ज़रूर गलती होगी।
अच्छे को अच्छा बोलना नहीं आता अक्सर दुनिया को, दिखावे की हर कोई सराहना करता है।
खेद तो इसका भी है के मुझे दिखावा भी नहीं आता।
चाह कर भी हर काम में कमी सी निकल आती है,
डर जैसे बैठ सा गया है इस दिल में।
वैसे दिखावे का काम तो मदारी का होता है,
मैं तो फिर भी मेहनत से खाता हूँ।
पता नहीं ये मेहनत कब रंग लाएगी, कब वो दिन सुनहरे लाएगी??
मालूम होता है के ऊपर वाला कहीं और ही मशरूफ बैठा है,
लिख कर मेरी किस्मत वो गियर बदलना भूल गया है।
ख्वाहिशें हज़ार लिए मैं भी यहाँ बैठा हूँ, साकार करने का सपना संजोय मैं भी बैठा हूँ,
मुझे भी सपने और कुछ ख्वाहिशें पूरी करनी है।
ज़िन्दगी खत्म होने से पहले जीनी है।
लोग बोलते हैं के तुम्हारा वक़्त भी आएगा,
अरे जनाब आप वक़्त की बात करते हो यहाँ तो मुझे अगले पल का नहीं पता है।
कब थम सा जाएगा ये ज़िन्दगी का फलसफा।
बहुत से सपने करने हैं साकार, पता नहीं इस जनम में मौका लग भी पाएगा नहीं।
उम्मीद में मैं इसी के आखरी साँस तक रहूँगा, के आखरी पल से पहले ही सही लेकिन किस्मत ज़रूर बदलेगी।
कामयाब आदमी का साथ हर कोई देता है,
यहाँ तक के गैर भी उसके अपने जो जाते हैं, सर पर दुनिया उसे उठा लेती है।
नाकाम्यब इंसान को तो अपने भी ठोकर मार देते हैं,
कुछ उन्ही अपनों के लिये ही सही लेकिन कुछ अच्छा तो हो।
पैसे के बिना ज़िन्दगी कट जाती है,
पर जब अपने साथ न हों तो जीना भी मरने के बराबर लगता है।
कुछ तोह अच्छा होगा इस बच्चे के साथ,
कलम जिसने उठाई थी अपना दर्द कागज़ पर उतारने के लिए,
पर इसे भी क्या पता था के एक दिन वो भी लिखने लगेगा।
और लोग उसे लूज़र बना देंगे।
Live life, king size तो हर कोई बोलता है, लेकिन जीने के लिये लफर भी तो होनी चाहिए।
मोह नहीं है मुझे किसी चीज़ का, मिलती नहीं तो थोड़ा लालची हो जाता हूँ मैं।
लालच बुरी बला है इसीलिए वो भी छोड़ देता हूँ मैं।
आखिर में मुझे कोई ये बताये के मंज़िल को हासिल कैसे किया जाये??
आखिर में मुझे कोई ये बताये के मंज़िल को हासिल कैसे किया जाये??
क्योंकि मंज़िल सहि है बस रास्ता दिखने वाले की कमी है, एक सलाहकार की कमी है….
Pushkin Channan
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