दोबारा बच्चा बनने को जी चाहता है,
फिर से एक बार बचपन जीने को जी चाहता है।
वो पल सुनहरे, वो अज़्ज़ाद पंछी की तरह फिर से उड़ने को मन चाहता है।
चाहता तो पता नहीं ये मैं क्या क्या है??
लेकिन हर चाहत भी पूरी नहीं हो सकती।
काश के उन लम्हों को मैं फिर से जी सकता होता,
तो आज फिर से मैं उन गलियों में होता जहाँ कभी मैं दिन भर खेल खेल करता था।
झगड़ों से दूर, ज़िन्दगी की सभी परेशानियों से कहीं बहुत दूर चला गया होत।
काश के ये ख्वाहिश पूरी हो जाती....
Pushkin Channan
फिर से एक बार बचपन जीने को जी चाहता है।
वो पल सुनहरे, वो अज़्ज़ाद पंछी की तरह फिर से उड़ने को मन चाहता है।
चाहता तो पता नहीं ये मैं क्या क्या है??
लेकिन हर चाहत भी पूरी नहीं हो सकती।
काश के उन लम्हों को मैं फिर से जी सकता होता,
तो आज फिर से मैं उन गलियों में होता जहाँ कभी मैं दिन भर खेल खेल करता था।
झगड़ों से दूर, ज़िन्दगी की सभी परेशानियों से कहीं बहुत दूर चला गया होत।
काश के ये ख्वाहिश पूरी हो जाती....
Pushkin Channan
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