१. राज़ मेरे पहुंचे गए गैरों तक,
जब मश्वरा करने जा रहा था मैं अपनों से...
२. कुछ इन्ही यादों के साथ ढल जाएगा ज़िन्दगी का फलसफा,
वक़्त निकाल लिया कीजिये जनाब।
वरना फिर तोह हमें भी नहीं पता के अगला सवेरा कब होगा??
जब मश्वरा करने जा रहा था मैं अपनों से...
२. कुछ इन्ही यादों के साथ ढल जाएगा ज़िन्दगी का फलसफा,
वक़्त निकाल लिया कीजिये जनाब।
वरना फिर तोह हमें भी नहीं पता के अगला सवेरा कब होगा??
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